Saturday, January 26, 2013

Swastik Sharma-hindi story


एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7 साल थी. एक खिलोने की दूकान पर खड़ा दुकानदार से कुछ बात कर रहाथा, दुकानदार ने न जाने उससे क्या कहा की वो वह से थोडा सा दूर हट गया और वहां से खड़े खड़े वो कभी दुकान पर रखी एक सुन्दर सी गुडियाको देखता और कभी अपनी जेब में हाथ डालता. वो फिर आँख बंद करके कुछ सोचता और फिर दुबारा गुडिया को देखने और अपनी जेब टटोलने का क्रम दुहराने लगता.
वही कुछ दूर पर खड़ा एक आदमी बहुत देर से उसकी और देख रहा था. वो आदमी जैसे हीआगे को बढ़ा वो बच्चा दुकानदार के पास गया और कुछबोला फिर दुकानदार की आवाज सुने पड़ी की नहीं तुम ये गुडिया नहीं खरीद सकते क्योकि तुम्हारे पास जो पैसे है वो काफी कम है.
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वो बच्चा उस आदमी की और मुड़ा और उसनेउस आदमी से पूछा अंकल क्या आपको लगताहैकी मेरे पास वास्तव में कम पैसे है. उस आदमी ने पैसे गिने और बोला हां बेटा ये वास्तव में कम है. तुम इतने पैसो से वो गुडिया नहीं खरीद सकते. उसलड़के ने आह भरी और फिर उदास मन से उस गुडिया को घूरने लगा.
अब उस आदमी ने उस लड़के से पूछा ” तुम ये गुडिया ही क्यों लेना चाहते हो”. लड़के ने उत्तर दिया ये गुडिया मेरी बहिन को बहुत पसंद है. और में ये गुडिया उसको उसके जन्मदिन पर गिफ्टकरना चाहता हु. मुझे ये गुडिया अपनी माँ को देनी है, ताकि वो ये गुडिया मेरे बहिन को दे दें जब वो उसके पास जाये.
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उस आदमी ने पूछा कहा रहती है तुम्हारी बहिन. छोटा लड़का बोला मेरे बहिन भगवानके पास चली गयी है. और पापा कहते है जल्दी ही मेरी माँ भी उससे मिलने भगवान के पासजाने वाली है. और मै चाहता हु की मेरी माँ जब भगवान के पास जाये तो वो ये गुडिया मेरी बहीन के लिए ले जाये. उस आदमी की आखों से आंसू छलकने लगे थे. पर लड़का अभी बोल ही रहा था.
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वो कह रहा था की मै पापा से कहूँगा की वो माँ को कहे की कुछ और तक दिन भगवान के पास न जाये. ताकि मै कुछ और पैसेजमा कर लूँ और ये गुडिया ले कर अपनी बहिन के लिए भेज दू.फिर उसने अपनी एक फोटो जेब से निकली इस फोटो में वो हँसता हुआ बहुत सुन्दर दिख रहा था. फोटो दिखाकर वो बोला ये फोटो भी मै अपनी माँ को दे दूंगा, ताकि वो इसे भी मेरी बहिन को दे ताकि वो हमेशा मुझे याद रख सके…………. मै जानता हु की मेरी माँ इतनी जल्दी मुझे छोड़ कर मेरी बहिन से मिलने नहीं जाएगी. लेकिनपापा कहते है की वो 2 -1 दिन में चली जाएगी.
उस आदमी ने झट से अपनी जेब से पर्स निकला और उसमे से एक 100 रुपए का नोटनिकल कर कहा……….. लाओ अपने पैसे दो मै दुकानदार से कहता हु शायद वो इतने पैसे में ही दे दे. और उसने उस लड़के केसामने रुपये गिनने का अभिनय किया और बोला…….. अरे तुम्हारे पास तो उस गुडिया की कीमत से अधिक पैसे है. उसलड़के ने आकाश की और देख कर कहा भगवान तेरा धन्यवाद….
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अब वो लड़का उस आदमी से बोला कल रात को मैंने भगवानसे कहा था की हे भगवानमुझे इतने पैसे दे देना की मै वो गुडिया ले सकू. वैसे मै एक सफ़ेद गुलाबभी लेना चाहता था किन्तु भगवान से ज्यादा मांगना मुझे ठीक नहीं लगा. पर उसने मुझे खुद ही इतना दे दिया की मै गुडिया और गुलाब दोनों ले सकता हु. मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब बहुत पसंद है.
उस आदमी की आँखों से आंसू नीचे गिरने लगे. फिर उसने उन्हें संभलते हुए उस लड़केसे कहा ठीक है बच्चे अपना ख्याल रखना. और वो वहा से चला गया. रस्ते भर उस आदमी के दिमाग मै वो लड़का छाया रहा. फिर अचानक उसे 2 दिन पहले अख़बारमै छपी खबर याद आयी जिस में एक हादसा छपा था की किसी युवक ने शराब के नशे में एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मार दी.
गाड़ी में सवार एक लडकी की मौके पर ही मौत हो गयी और महिला गंभीर रूप से घायल थी.अब उसके मन में सवाल आया कही ये उस लड़के की माँ और बहिन ही तो नहीं थे.
अगले दिन अख़बार में खबर आयी की उस महिला की भी मौत हो गयी है. वो आदमी उसमहिला के घर सफ़ेद गुलाब के फूल ले कर गया. उस महिला की लाश आँगन में रखी थी.उसकी छाती पर वो सुन्दर सी गुडिया थी जो उस लड़के ने ली थी और उस महिला के एकहाथ में उस लड़के की वो फोटो थी और दुसरे में वो सफ़ेद गुलाब का फूल था.
वो आदमी रोता हुआ बाहर निकला. उसके मनमै एक ही बात थी एक शराब के नशे मै चूरएक युवक के कारन एक छोटा सा बच्चा अपनी माँ और बहिन से दूर हो गया जिन्हें वो बहुतप्यार करता था. इस कहानी को पढ़कर और इस समय लिखते हुए भी मेरे आँखों मै भी पानी है. और शायद आपकी आँखों में भी आ जाये मगर उसपानी को आँशु मत समझ लेना. वो पानी बेशक नमकीन हो सकता है जैसेआँशु होते है. पर वो आँशु नहीं होंगे.
अगर ये कहानी पढने के बाद आपकी आँखों में आँशु आते हैजो आपको बदलने को मजबूर कर दे तो ही उनको आँशु मानना नहीं तो वो पानी ही होगा.और अगर आपकी आँखों में वास्तव में आँशु है पानी नहीं तो प्रण करे की आजके बाद कभी न तो शराब पी कर गाड़ी चलाएंगे, न कानो में एयर फ़ोन लगा कर गाने सुनते हुएगाडी मोटर साइकिल या कोई वाहन चलाएंगे न गाड़ी चलते समय फ़ोन पे बात करेंगे ना ही कभी तेज़ रफ़्तार में गाड़ी चलाएंगे

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